Sunday, 2 February 2014

किस्मत ने साथ दिया

किस्मत ने साथ दिया 

मेरा नाम अविनाश है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 वर्ष है, मैं दिखने में काफी अच्छा लगता हूँ। बहुत सी लड़कियों को मेरा लंड बहुत पसंद आया है जो 7 इंच लम्बा और अच्छा खासा मोटा है।

बात मेरे 18वीं बर्थडे पार्टी की है जो कि हम मेरे दोस्त राहुल के घर पर कर रहे थे क्यूँकि उसके मम्मी पापा 3 दिन के लिए कहीं बाहर शादी में गए थे, पार्टी में हम छः लोग थे, उनमें राहुल के चाचा की लड़की स्नेहा उसी दिन ही दिल्ली से जयपुर घूमने आई थी !

स्नेहा 19 वर्ष की थी, उसको देख कर मैं पागल सा हो गया, उसके कूल्हे तो मैं देखता ही रह गया लेकिन क्या कर सकता था। मेरे अनुसार उसका आकार 34-30-34 था। मैंने उसको 2 वर्ष पहले आखिरी बार देखा था लेकिन अब वो फाड़ू माल बन गई थी।

हमने केक काट कर पार्टी शुरू की, हम ड्रिंक कर रहे थे पर स्नेह ड्रिंक नहीं करती थी, मेरे जोर देने पर उसने हाँ कर दी और वो मेरे साथ सोफे पर बैठ कर ड्रिंक करने लगी जिस कारण वो मुझसे बार बार छुए जा रही थी। तभी गलती से मेरा पैर उसको लग गया, मैंने उसको सॉरी कहा तो वो मुझे घूर घूर कर देखती रही...

मेरे दूसरे दोस्त भी उसको लाइन मार रहे थे पर आज उनकी किस्मत कहाँ अच्छी थी..

तभी हमारी कोल्ड ड्रिंक और बर्फ़ ख़त्म हो गई और होटल से भी खाना लाने का समय हो गया था तो दो जने बर्फ़, कोल्ड ड्रिंक और दो फलोग खाना पैक करवाने चले गए।

अब घर में मैं और स्नेहा थे, दोनों बातें करते हुए टीवी पर मूवी देखने लगे जिसमें चुम्बन दृश्य चल रहा था, मुझे एक विचार सूझा...

मैंने स्नेहा से कहा- मेरा गिफ्ट कहाँ है?

स्नेहा- बताओ, क्या लोगे?

मैंने कहा- बुरा न मानो तो बता दूँ?

स्नेहा- जरूर ! आज तुम्हारा बर्थडे है यार...!

मैंने हिम्मत कर के कह दिया- मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ।

स्नेहा थोड़ी हंसी और फिर कहा- आज तुम्हारा बर्थडे है, मैं इतना तो कर सकती हूँ !

मैंने उसको गाल पर चूम लिया और फिर वो पास आई और मेरे गाल पर जोर से काटते हुए उसने मुझे किस किया !

मेरे मुँह से दर्द के कारण थोड़ी आवाज निकल गई...

स्नेहा बोली- सॉरी...! अब हिसाब बराबर हो गया, मुझे भी इसी मौके की तलाश थी।

मेरा लंड महाराज ज्वालामुखी की तरह फटता जा रहा था कि तभी स्नेहा सोफे पर मेरे पैरों पर लेटते हुए मुझसे बात करने लगी।

मुझे थोड़ा डर लग रह था लेकिन थोड़ी देर में उसको भी मेरे लंड का उफान महसूस हो गया, वो उठ कर पहले मुझे, फिर मेरे लंड के कारण पैंट का उभार देखने लगी और कहा- बर्थडे गिफ्ट तो पूरा लिया ही नहीं तुमने...!

और फिर वो थोड़ा पास आई और मुझे होंठों पर चूमने लगी, मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था कि अचानक हम सोफे से नीचे गिर गए

मेरा एक हाथ उसके मोटे मोटे बोबों को ऊपर से ही दबा रहा था और हम पागलों की तरह किस किये जा रहे थे।

मैं उसके रसीले होंठों में डूबता चला जा रहा था कि तभी दरवाजे की घण्टी बजी।

मैंने कहा- लगता है कि वो सब वापस आ गए हैं !

'साले कुत्ते गलत टाइम पर आये !' मैं मन ही मन उनको गालियाँ दे रहा था।

हमने अपने आप को सही किया और गेट खोला...

अन्दर आकर वो सब फिर से ड्रिंक करने लगे लेकिन अब हम दोनों ड्रिंक नहीं कर रहे थे सिर्फ एक दूसरे को देखते ही जा रहे थे। पता ही नहीं चला कि कब 12 बज गये तब हम सबने साथ में बैठ कर खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे।

राहुल और स्नेहा एक कमरे में सोने चले गये और मेरे दो दोस्त दूसरे कमरे में जाकर सो गये, मैं चूतियों की तरह अपनी गांडू किस्मत पर रो रहा था और सोफे पर बैठा बैठा टीवी देखने लगा।

लेकिन शायद आज मेरी किस्मत अच्छी थी, तभी राहुल तेज़ी से आया और बाथरूम में गया और उल्टी करने लगा वो दो बार उल्टी करने आ चुका था तो मैंने उससे कहा- तू सोफे पर सो जा क्यूकि यहाँ से बाथरूम बिल्कुल पास है।

उसे थोड़ी देर में नींद आ गई और मैं कमरे में गया, दरवाजा अन्दर से बंद किया और स्नेहा के पास जाकर लेट गया।

वो सो चुकी थी तो मैं उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके कबूतर यानि चूचियाँ दबाने लगा।

मैंने एक हाथ टी-शर्ट के अन्दर दल दिया, तभी उसकी नींद खुल गई और वो मुझे होंठों पर किस करने लगी। हम तेज़ी से एक दूसरे के कपड़े खोल रहे थे, अब हम सिर्फ छोटे कपड़ों में थे।

मैं उसके मोटे मोटे उरोज देख कर पागलों की तरह उनको चूसने लग गया जो ब्रा से बाहर आने को बेताब थे। मैंने जैसे ही ब्रा खोली वो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह खुल कर मेरे सामने आ गये।

मैं एक बोबे को चूस रहा था तो दूसरे को हाथ से जोर जोर से मसल रहा था, तभी उसका एक हाथ मुझे मेरे लंड पर महसूस हुआ जो कि प्यार से मेरे लंड को सहला रहा था।

मैं दस मिनट तक उसको बोबों और होंठों पर चूमता रहा, उसके मुँह से आआ आअ ऊऊउ उम्म्म्म हूऊऊऊ हम्मम्म आअ ऊऊऊ की मादक आवाज आ रही थी..

उसको चूमता हुआ मैं नीचे आ गया और उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत की मन मोहक खुशबू को सूंघता रहा और फिर उसकी पैंटी को खींच कर उसकी जांघों से अलग कर दिया... उसकी चूत पर एक बाल भी नहीं था और वो गीली हो रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैं उसकी चूत को चाटता रहा और फिर हम 69 की अवस्था में आ गये और वो मेरा लंड और मैं उसकी चूत को भूखे बच्चे की तरह चूसते रहे !

मैं उसकी चूत को चूसता जा रहा था कि तभी उसने मुझे अपने पैरों से जोर से अपनी चूत में दबा दिया और उसने सारा रस मेरे मुँह में डाल दिया जिसको मैं बड़े प्यार से पूरा के पूरा चाटता गया। फिर मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लग गया... मुझे भी लग रहा था कि मैं भी झड़ने वाला हूँ और मैंने सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया, वो उसे बच्चे की तरह उसे दूध समझ कर पी गई।

मैंने उसको उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड और चूत को चाटने लग गया, पूरा कमरे में आअअ हूऊ ऊऊ ऊऊ हूऊउ हम्म्म्म आआअ की आवाज गूंज रही थी।

मैं उसकी चूत को अंगुली से चोदता हुआ चाट रहा था और एक हाथ से उसकी गांड को जोर जोर से दबा रहा था। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी, चूत से निकला सारा अमृत मैं पी गया अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था।

स्नेहा बोली - जान ! अब रहा नहीं जा रहा...! चोद डाल मुझे, फाड़ डाल मेरी चूत...

मैंने उसको सीधा किया और दोनों पैरों को चौड़ा किया और लंड को उसकी चूत के ऊपर फ़िराने लग गया।

मैंने लंड को चूत के छेद पर रखा और थोड़ा सा धक्का मारा, स्नेहा ने आआअ ऊऊऊ की आवाज के साथ मुझे रोक लिया..

मैंने उसे होंठों पर किस किया और एक जोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड आधे से ज्यादा अन्दर चला गया।

स्नेहा की आँखों में आंसू आ गये थे.. मैं उसके बोबों को दबाता रहा और धीरे धीरे लंड को धक्का देता रहा..

अब उसका दर्द थोड़ा कम हो गया था, वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थी, उसके मुँह से आआअ उम्म्म ऊऊउ उम्म्म्म अह्हआआ हूऊ की आवाज तेज़ होती जा रही थी।

मैं भी अब तेज़ी से उसकी चूत को चोद रहा था, 20 मिनट तक मैं लगातार उसकी चूत को चोदता रहा, वो एक बार और झड़ चुकी थी। पूरा रूम में आआ उम्म औऊआआ हम्मम्म फच्छ फ्च्ह्ह की आवाज गूंज रही थी।

फिर मैंने स्नेहा को घोड़ी बनाया और चूत को चाटने लग गया, चूत चाटने से हमारा नशा बढ़ता जा रहा था... मैंने उसकी गांड में अपना लंड डाला और तेज़ी तेज़ी से धक्के लगाने लगा।

स्नेहा- फ़क मी ! चोद दे ! आआअ यम्मी आअ उम्माआम्म्म्आ आअहाआहाआ...

कमरा इस आवाज से मदहोश हो गया था, उसकी चूत की तरह ही हमारा मुँह भी लाल हो गये थे।

उसकी फ़ुद्दी बहुत तंग थी जिस कारण उसको चोदने में ज्यादा मजा आ रहा था। उसकी हालत ख़राब होती जा रही थी। मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड गांड में से निकाल कर उसके मुँह में दे दिया, वो मेरे लंड को चूसते हुए मेरा सारा माल पी गई, हम दोनों थक गये थे, मैं थोड़ी देर बगल में लेट कर उसको होंठों पर किस करता रहा।

उस रात हमने 3 बार अलग अलग तरीके से चुदाई की...!!

सुबह मेरी 8 बजे नींद खुली देखा तो हम दोनों नंगे पड़े हुए थे.. इच्छा तो एक बार और उसकी मारने की हो रही थी पर क्या करें सुबह हो गई थी, मैंने उसे कपड़े पहनाये और किस किया..

मैंने कहा- बर्थडे गिफ्ट के लिए थैन्क्स...! यह मेरा सबसे अच्छा बर्थडे रहा...

और मैं फ़्रेश होने चला गया, सबके लिए चाय बना कर लाया और सबको उठाया।

उम्मीद है कि आप सबको मेरी यह सच्ची कहानी पसंद आई होगी... अपने सुझाव और विचार मुझे जरूर मेल करें !

सेक्सी चुदाई टूर

सेक्सी चुदाई टूर

मेरा नाम नयन है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। सभी को मस्त करने के लिए मैं ये कहानी लिख रहा हूँ। यह कहानी पूरी तरह से सच है।

बात उस समय की है जब मैं अपने कॉलेज के दूसरे वर्ष में था। मेरी क्लास में एक बहुत ही सुंदर लड़की पढ़ती थी जिसका नाम था सोनिया (बदला हुआ)। उसका फ़िगर 34-30-34 का था। मैं उस लड़की से मन ही मन में बहुत प्यार करता था लेकिन उसको बताने से बहुत डर लगता था की कहीं वो शिकायत न कर दे।

हमारी क्लास के सभी लड़कों की उस पर नजर थी। लेकिन वो एक बहुत ही नेक लड़की थी इन सब बातों से बिल्कुल दूर।

कुछ समय यों ही बीत गया। फिर एक बार हमारे कॉलेज का टूर मसूरी जाने का कार्यक्रम बना। उसमें बहुत से लोग जाने वाले थे। निश्चित दिन को हम सब लोग बहुत बस में पहुँच गए। मैं दो वाली सीट पर अकेला बैठा था और वो किस्मत से मेरे पास आकर बैठ गई। मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था क्यूँकि सफर बहुत ही लंबा था और उससे बात करने का भी पूरा मौका था।

थोड़ी देर के बाद उसको नींद आ गई और उसने नींद में ही अपना सिर मेरे कंधे। पर रख लिया। मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन बस में झटके लगने के कारण वो जाग गई और उसने मुझसे सोरी कहा।

मैं- सोरी की जरूरत नहीं है, आप आराम से सो सकती हैं।

सोनिया- मुझे सफर में नींद आ जाती है और कुछ पता ही नहीं चलता।

इस तरह से धीरे धीरे हम इधर उधर की बातें करने लगे। थोड़ी ही देर में वो मुझसे खुल गई। मैंने भी बातों बातों में उसे छू लिया जिस का उसने कोई विरोध नहीं किया। मेरा साहस और बढ़ गया। जैसे ही हम मसूरी के पास पहुँचने लगे, उसे सर्दी लगने लगी और उसने कंबल ओढ़ लिया और मुझ पर भी डाल दिया। अब मैं उसे कंबल के अंदर से छूने लगा। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। इस तरह तड़पते हुए हम मसूरी पहुँच गए और हमने होटल बुक कर लिया।

हम सबने साथ में डिनर किया। वो मेरे पास आई ओर थोड़ी देर सैर के लिए पूछा। मैंने हाँ कर दी।

रास्ते में मैंने उसे कहा- मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ, अगर तुम बुरा न मानो तो।

सोनिया- कहो !

मैं- तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, मैं तुम्हें चाहने लगा हूँ।

सोनिया- मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा।

मैं- तो अब सोच लो, मैं तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूँगा।

फिर हम वापिस आ गए।

मैं अगले दिन का बहुत बेताबी से इंतज़ार करने लगा। जैसे ही सुबह हुई मैं तैयार होकर उसके जवाब का इन्तज़ार करने लगा।

उसने हाँ कर दी थी। मैं खुशी के मारे उछल पड़ा था।

फिर हम 3 दिन तक एक दूसरे के साथ घूमते रहे। अब मैं उसे कहीं भी छू लेता था तो उसे प्रोब्लम नहीं होती थी। फिर एक दिन मैंने उसे एकांत में चूम लिया, वो बहुत शरमा गई थी।

मैंने अगले दिन उसे चोदने की योजना बनाई। मैंने उसे कहा- कल जब सब लोग घूमने चले जाएँगे तो हम होटल में ही रुक जाएँगे।

वो मान गई।

अगले दिन जैसा तय हुआ वैसे ही किया। हम होटल के एक कमरे में थे। उसने एकदम तंग नीले रंग का टॉप और जीन्स पहन रखी थी। उसके बड़े बड़े चूचे बहुत सेक्सी लग रहे थे। मैं उसके पास बैठा था और हम टीवी देख रहे थे। वो रिमोट के लिए मुझसे लड़ने लग गई और इस इस लड़ाई में मेरे हाथ कभी उसके बूब्स पर तो कभी उसके कूल्हों पर लग रहे थे। मैंने उसे अपने नीचे लेटा लिया और उसके दोनों हाथ पकड़ लिए थे। मैं धीरे से उसके ऊपर झुका ओर उसके होंठों को चूम लिया। वो सिस्कारने लगी।

मैंने एक और ज़ोर का चुम्बन किया तो उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। मैं धीरे धीरे उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा। फिर मैंने उसके चूचों को पकड़ लिया और दबाने लगा।

वो मस्त हो रही थी और आह ऊहह आई करने लगी।

मैंने उसके टॉप के अंदर हाथ डाल दिया और कुछ देर बाद उसके टॉप को उतार दिया। उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी। फिर मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी। उसने लाल रंग की पैंटी पहनी हुई थी जिसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी। अब वो एकदम गर्म हो चुकी थी। उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी, वो कराह रही थी और कह रही थी- प्लीज कुछ करो, मुझे कुछ हो रहा है।

मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी और उसके चूचों को चूसने लगा। बहुत ही मजा आ रहा था।

उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी, धीरे धीरे मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। उसकी चूत को देख कर तो मैं पागल ही हुए जा रहा था। मन कर रहा था कि अभी इसमें अपना लंड डाल दूँ लेकिन मैं जल्दी नहीं करना चाहता था।

फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया। वो ज़ोर जोर से आई ऊई आहह करने लगी। कुछ देर उसकी चूत चाटने के बाद उसका बदन अकड़ने लगा और उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया।

फिर मैंने उसको दोबारा गर्म किया और कहा- अब मैं तुम्हारी चूत में अपना लंड डालूँगा। एक बार थोड़ा दर्द होगा, लेकिन बाद में बहुत मजा आएगा।

मैंने उसकी चूत पर अपना सुपारा रखा और रगड़ने लगा।

वो बोली- ऐसे मत सताओ प्लीज ! अंदर डाल दो।

मैंने धीरे से एक झटका मारा लेकिन अंदर नहीं गया। मैंने फिर कोशिश की। इस बार एक ज़ोर का झटका मारा और सुपारा अंदर चला गया। उसने चीखने की कोशिश की लेकिन मैंने उसका मुँह दबा लिया था। उसकी झिल्ली फट गई थी, खून भी आ रहा था। उसकी आँखों में आँसू आ रहे थे। मैंने उसको थोड़ी देर चूमा तो फिर वह अपने चूतड़ हिलाने लगी। मैंने एक और झटका मारा और आधा लंड अंदर चला गया। उसे अभी भी काफी दर्द हो रहा था। मैंने एक और झटका मारा और पूरा लंड अंदर चला गया। अब मैं धीरे धीरे शॉट लगाने लगा। अब उसका दर्द कम हो गया था। वो भी अब अपने कूल्हे चलाने लगी थी।

कुछ देर इस तरह से चोदने के बाद मैंने उसे कुतिया बन जाने को कहा और उस पोजिशन में उसे चोदने लगा। पुच पुच की आवाज से कमरा गूंज रहा था। उसकी मादक सीत्कारें मुझे मदहोश कर रही थी। मैं ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लगा। वो भी बीच बीच में कहने लगी- फक मी जानू, फक मी हार्डर।

मैं उसे करीब 15 मिनट तक चोदता रहा। इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी। मेरा भी निकलने वाला था। मैं ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने लगा और उसकी चूत मी झड़ने लगा। मेरा गर्म गर्म माल उसकी चूत में जाते ही वो भी एक बार और झड़ गई। मैं उसके ऊपर ही गिर गया। हम दस मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे। फिर मैं उसे बाथरूम ले गया। उससे चला भी नहीं जा रहा था। हमने एक दूसरे को साफ किया। जब तक बाकी लोग वापिस आए हमने तीन बार चुदाई की।

यह सिलसिला दो साल तक चलता रहा फिर उसकी शादी हो गई, मैंने एक नई गर्लफ्रेंड ढूंढ ली।

उसको मैंने कैसे चोदा। ये कहानी फिर कभी।

मैं शादीशुदा हूँ

मेरी मुनिया खूब लंड खाएगी 

मेरा नाम अमन कुमार, उम्र 20 साल, लुधियाना का रहने वाला हूँ, शरीर पतला है पर लंड तगड़ा है।

कुछ महीने पहले की बात है, मुझे मेरे बॉस ने कुछ कागजात दिए जो मुझे उनकी किसी परिचित महिला को देने थे। बॉस ने मुझे उसका नंबर दिया और मिलकर कागजात देने को कहा, मुझे इस काम में कोई रूचि नहीं थी क्यूँकि मुझे लगा कि वो कोई बूढ़ी महिला होगी।

मैं उसको मिलने गिल चौंक पहुँचा और उसका इन्तजार करने लगा। कुछ समय बाद एक जवान और सुन्दर महिला मेरे पास आई और पूछा- क्या आप अमन हैं?

मैंने कहा- जी हाँ !

उसने अपना नाम निशा अरोड़ा बताया और कहा कि मुझे उसको ही कागज देने है। यकीन मानिये दोस्तो, वो मेरी कल्पना से कहीं अलग बहुत ही ज्यादा सेक्सी औरत थी और उसके चूचे तो पहाड़ की तरह ऊँचे थे। उसे शायद लग गया कि मैं उसके चूचों को घूर रहा हूँ तो उसने कहा- देखिये, मुझे देर हो रही है, जल्दी से पेपर्स दे दो।

उसके चले जाने के बाद मैंने अपने आप को बहुत कोसा, कम से कम उस पर ट्राई तो करना चाहिए था। पर 'तब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत !'

मैंने भी अपनी बाइक उठाई और घर की तरफ चल दिया। रास्ते में हीमुझे फ़ोन आया, मैंने पिक किया तो यह उसी निशा का फोन था, मैंने पूछा- क्या हुआ मिस? कोई कागज कम है क्या?

उसने कहा- नहीं, ऐसे ही फोन किया था कि आप घर पहुँच गए !

मैंने कहा- नहीं !

"तो आप घर पहुँच कर कॉल करना, ओके !"

"ओके !"

मेरा दिल तो उछलने लगा था। क्यूँकि मेरी तो बिन मांगे मन की मुराद पूरी होने वाली थी। मैंने घर पहुँच कर उसे फ़ोन किया- हेलो मिस ! अब बताइए?

"आप मुझे मिस क्यूँ कहते हैं?"

"सोह्णी ते जवान कुड़ियाँ नु मिस ही कहंदे याँ !" (सुन्दर और युवा लड़कियों को मिस ही कहते हैं।)

वो चुप हो गई, फिर थोड़ी देर हमने इधर उधर की बातें की और उसने फ़ोन काट दिया। रात को मुझे उसका मेसेज आया- मुझे तुम्हें कुछ बताना है !

मैंने जवाब दिया- हाँ बताओ ना?

"मैं शादीशुदा हूँ !"

"फिर भी मुझसे रात को बात कर रही हो? क्यूँ?"

"पहले यह बताओ कि तुम्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी अगर मैं तुम्हारी गर्लफ़्रेन्ड बन जाऊँ?"

"मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं होगी पर तुम तो शादीशुदा हो, फिर क्यूँ?"

"थेंक यू सो मच ! वो मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते न इसलिए !"

मुझे अपना काम बनता हुआ दिखा, हम दोनों फोन पर काफी खुल कर बातें करने लगे।

एक दिन मुझे उसका फोन आया- आज मुझे शॉपिंग करनी है, क्या तुम मेरे साथ आओगे?

"हाँ क्यूँ नहीं ! कहाँ आना है?"

"वेस्टेंड मॉल आ जाओ।"

मैं भी थोड़ी देर में मॉल पहुँच गया, वो मेरा इंतजार कर रही थी, क्या जबरदस्त माल लग रही थी ! टाईट गुलाबी टॉप और ब्लू जींस में तो उसके चूचे मानो बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे।

मैंने भी सोच लिया कि आज तो इसको चोदना ही है, मॉल में उसने काफी शॉपिंग की, उसके बाद वो एक महिला स्टोर में गई और अपने लिए ब्रा-पैंटी पसंद करने लगी, तीन सेट निकाल कर मुझसे पूछा- कौन सा लूँ?

मैंने कहा- पहन कर दिखाओ, तब बताऊँगा !

"आज घर में कोई नहीं है, वहाँ जितना मर्जी, उतना देख लेना !"

मेरा लण्ड तो उसकी बात सुन कर ही सलामी देने लगा।

कुछ देर बाद हम उसके घर के लिए निकले। उसका घर काफी अच्छा था, चार कमरे एक रसोई।

"घर तो तुम्हारा बहुत अच्छा है पर मुझे बेडरूम नहीं दिख रहा है?"

उसने मुझे अपने बेडरूम में बिठाया और बताया कि उसके पति तीन दिन के लिए बाहर गए हुए हैं।

"मतलब तुमने चुदने की पूरी तैयारी की हुई है?"

"हाँ मेरे राजा, आज तो मेरी मुनिया खूब लंड खाएगी !"

फिर वो फ्रेश होने चली गई, जब वो वापस आई तो नई खरीदी हुई ब्रा-पैंटी पहन कर आई। क्या बताऊँ दोस्तो, वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी, मैंने तो सीधा उसे बाहों में भरा और चूमना शुरू कर दिया, वो भी मेरा साथ देने लगी। उसने मेरी टीशर्ट उतार दी, मैं उसके बड़े बड़े चूचे ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था। फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसके कबूतरों को आजाद कर दिया और उन्हें चूसने लगा।

वो मुँह से आह्ह...उफ्फ्फ़... की सिसकारियाँ भरने लगी, फिर उसने मेरी जींस उतारी और मेरा लंड चूसने लगी।

क्या बताऊँ दोस्तो, दुनिया में शायद ही कोई औरत इतनी अच्छी चुसाई करती हो, कभी वो मेरे लंड पर थूकती कभी उसे पूरा अन्दर ले लेती ! कभी हाथ से ऊपर नीचे करती, कभी केवल सुपारे पर अपनी जीभ फिराती, उसने इतनी अच्छी चुसाई की कि मैं उसके मुँह में ही झड़ गया।

"मैं तो झड़ गया वो भी इतना जल्दी !"

वो मेरा माल पीते हुए बोली- राजा, दूसरी पारी लम्बी खेलोगे ! पहली बार में एसा होता है, तुम मेरी मुनिया की चुसाई करो !

मैंने उसके इतना कहते ही उसकी पैंटी उतार दी, उसकी चूत एकदम गुलाबी थी और उसने शेव की हुई थी, मैंने पूरे जोश के साथ उसकी चुसाई शुरु कर दी, वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- जोर से ! और जोर से चूस...

काफी देर चुसाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक जोर का झटका देकर पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।वो बहुत जोर से चिल्लाई- मर गयीईईइ... मार डालोगे क्या... आराम से चोदो, मैं कहीं भागे थोड़ी जा रही हूँ...

जब वो थोड़ी सामान्य हुई तो मैंने भी अपने झटकों की रफ़्तार बढ़ा दी, दस मिनट बाद मैंने कहा- मैं आने वाला हूँ !

तो उसने कहा- मैं भी ! मेरी चूत में ही झड़ जाओ !

इतना कहते ही मेरा निकल गया और उसकी चूत मेरे माल से भर गई।

कुछ देर हम उसी तरह लेटे रहे, उसने मेरी छाती पे सर रख दिया और बोली- अमन आज तुमने मुझे बहुत मजा दिया है, थेंक यू !

जब मैं घर आने को तैयार हुआ तो उसने मुझे तीन हजार रुपये दिए और कहा- अब तुम मेरे जिगोलो हो, मैं तुमसे अपनी सहेलियों को भी चुदवाऊँगी और तुम्हें पैसे भी मिलेंगे।

मैं मुस्कुरा कर घर आ गया। उसके बाद से निशा को तो काफी बार चोदा है, उसकी एक सहेली को भी चोदा।

आगे आगे देखते हैं कि क्या होता है।
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30-32 साल की औरत

30-32 साल की औरत

हेलो दोस्तो, मेरा नाम रोनित है, मेरी उम्र 25 साल है, मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजिनियर हूँ। बात एक साल पहले की है, एक दिन मैं दिल्ली में प्रिया हॉल में पिक्चर देखने गया था। पिक्चर तो दोस्तो एक बहाना था ताकि मुझे वहाँ पर कोई शादीशुदा या कोई छोटी उम्र की लड़की मिल जाए जिसके साथ मैं खूब सेक्स करके मज़े ले पाऊँ। दोस्तो, मैं सेक्स के लिए बहुत ही पागल हूँ।

मैं पिक्चर हाल में जैसे ही गुसा तो देखा कि एक 30-32 साल की औरत सामने खड़ी थी, वह अपने 4-5 साल के बेटे के साथ पिक्चर देखने आई थी। हम दोनों की आँख से आँख मिली फिर उसने अपना चेहरा मोड़ लिया। उसे देख कर मेरा उसे चोदने का मन हो गया था, क्या माल थी वो ! काली साड़ी, गोरा बदन ! उसकी काली साड़ी के पल्लू के नीचे से उसके गोरे गोरे से नज़र आ रहे थे, दिल कर रहा था कि साली के दूध वहीं पर खोल कर पी जाऊँ। उस औरत को चोदने का ख़याल मन में ही सोच कर अपनी सीट पर आकर बैठ गया। हॉल लगभग खाली था, हॉल में अँधेरा था, पिक्चर अभी शुरू नहीं हुई थी। वही औरत अपने बेटे साथ मेरी साथ वाली सीट पर आ कर बैठ गई। उसका बेटा उसे थोड़ा तंग कर रहा था। वो उसे संभालते हुए मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई, मैं भी उसे देख कर मुस्कुरा दिया। पिक्चर शुरू होने में थोड़ा टाइम था, उसका बेटा उसे तंग किए जा रहा था। तो मैंने मौके का फ़ायदा उठाते हुए उसके बेटे के साथ खेलने लगा, इससे उसका बेटा भी चुप हो गया। फिर उस औरत ने मेरा थैंक्स करते हुए कहा- आपने इसे चुप करवा दिया, बहुत देर से मुझे तंग कर रहा था।

मैंने उसे बोला- अरे कोई बात नहीं, वैसे आप अकेली आई हैं क्या अपने बेटे के साथ?

तो उसने कहा- हाँ, आजकल घर पर बोर हो रही थी, सोचा कि पिक्चर देखने चला जाए !

फिर मैंने पूछा- आपके पति नहीं आए आपके साथ?

तो वो बोली- नहीं, वो एक महीने के लिए बाहर गये हुए हैं।

फिर पिक्चर शुरू हुई। थोड़ी देर बाद उसका बेटा फिर उसे तंग करने लगा अंधेरा होने के कारण कुछ नज़र नहीं आ रहा था, मैं उसके बेटे को पकड़ने लगा तो उस दौरान मेरा हाथ ग़लती से उस औरत के नंगे पेट पर लग गया जिसका उसने कोई ऐतराज़ नहीं किया पर उसके पेट को छूते ही मुझे करंट सा लगा। फिर मैंने सारी बातों को नज़रअंदाज़ करते हुए उसके बेटे को चुप करवाया।

फिर मेरे मन में शैतानी जागने लगी, मैं धीरे धीरे करके हिम्मत करके अपना हाथ उस औरत की तरफ बढ़ाने लगा। मेरा हाथ अब उसके उरोजों के पास पहुँच गया था, मैं अपनी उंगली उसके वक्ष के उठानों पर हाथ फेरने लगा। इसका भी उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं आ रहा था, शायद उसे भी मजा आ रहा था।

इससे मेरी हिम्मत और बढ़ने लगी फिर मैं अपने हाथों से उसके स्तनों को दबाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसके ब्लाऊज के अन्दर डाल दिया और उसके दूध मसलने लगा। क्या चूचे थे उसके ! इतने नर्म, इतने मुलायम कि मन कर रहा था मुँह लगा कर पी जाऊँ।

फिर उसने अपना चेहरा मेरी तरफ कर लिया और अपने होंठ मेरे होंठों की तरफ बढ़ाने लगी और फिर मेरे होंठों को चूसने लगी। मुझे भी मजा आने लगा, मैंने भी उसके होंठों को चुसना शुरू किया, वो मेरे होंठों पर अपनी जीभ लगा रही थी और मैं उसके होंठों पर।

मैंने उसकी साड़ी का पल्ला नीचे सरका दिया और ब्लाऊज़ के हुक खोल कर खुद नीचे झुक कर उसके दूध पीने लगा। मुझे दूध पिला कर वो पागल हो रही थी। मैं अपने मोबाइल की लाइट से उसके दूध देखने लगा, क्या दूध थे गोरे गोरे और गुलाबी रंग का दाना। उसके दूध के दाने को खूब बुरी तरह से चूसा और उसके गोरे गोरे दूध पर काट काट कर लव बाईट भी दे दी।

पिक्चर ख़त्म हुई तो उसने अपने साड़ी संभाली और हम हॉल से बाहर निकल आये। बाहर निकलने के बाद वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी और मैं भी उसे देख कर मुस्कुराने लगा।फिर हम लंच करने के लिए एक रेस्तरां में गए, वहाँ मैंने उससे उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम निशा बताया और बताया कि वो यहीं रहती है। हमने एक दूसरे का नंबर ले लिया।

निशा के फ़ोन अक्सर आते रहते थे। एक दिन उसने मुझे घर पर आने को कहा। रात को मैं उसके घर पहुँचा तब तक उसका बेटा भी सो चुका था।

उसने मुझे अपने बेड़ रूम में बैठने को कहा और बोली- मैं थोड़ी देर में आती हूँ।

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

थोड़ी देर बाद जब वो आई तो क्या कयामत लग रही थी, वो लाल रंग का नेट का नाईट सूट और अन्दर कच्छी ब्रा कुछ भी नहीं पहने थी। वो धीरे धीरे कमरे में आई और कमरे में अन्धेरा कर दिया और मोमबत्ती जला दी।

फिर धीरे धीरे मेरे पास आई और बेड पर मेरे पास आकर बैठ गई। दोस्तो, उसके दूध उसके गोरे चूतड़ देख कर मैं तो पागल हो गया था !..फिर मैं उसका चेहरा अपने दोनों हाथों में थाम कर उसके होंठों को चूसने लगा, वो भी मेरे होंठों को बुरी तरह से चूसे जा रही थी। थोड़ी देर के बाद मैं उसके उभारों को मसलने लगा, उसको नंगी कर दिया। अब उसका पूर्ण नग्न गोरा बदन मेरे सामने था। मैं उसके नंगे गोरे बदन के ऊपर पागलों की तरह से टूट पड़ा, उसके दूध पीता रहा, उसका नंगा बदन काफी देर तक काटता रहा, चूमता रहा।

फिर उसकी चूत भी चाटी और उसका सारा रज पी लिया। क्या स्वाद था उसके रज का, कुछ नमकीन सा..

फ़िर वो मुझे लेटा कर मेरी छाती चाटने लगी और बीच बीच में काट भी रही थी, बहुत मजा आ रहा था उसमें।

थोड़ी देर बाद उसने मेरा लौड़ा चूसना शुरू किया। उसने जैसे ही मेरा लण्ड अपने मुख में लिया, तो मुझे बहुत ही मजा आ गया, बस दिल कर रहा था कि चोद दूँ साली को।

काफी देर तक वो मेरा लौड़ा चूसती रही। वो तो लण्ड चूसती हुई पागल होती जा रही थी। थोड़ी देर बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उसे हटने को बोला तो वो बोली- मेरे मुँह में निकाल दो, मुझे तुम्हारा वीर्य पीना है। यह सुन कर मैं पागल हो गया और अपना सारा वीर्य उसके मुँह में ही निकाल दिया।

थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर तन गया, अब उसकी चुदाई का समय आ गया था, उसे उस रात मैंने हर पोज़ में चोदा, उस रात हम दोनों कई बार झड़े।

उसने फिर बताया कि उसकी इच्छा है कि वो दो तीन आदमियों से एक साथ चुदे। उसने मुझसे पूछा- तुम अपने दोस्तों को भी अपने साथ ले आना अगली बार ताकि चुदाई में और मजा आये !

फिर अगली बार मैं अपने तीन दोस्तों को उसके पास ले गया। उस दिन हम चारों ने चुदाई का पूरा मजा लिया, निशा ने भी एक साथ कई लौड़ों का स्वाद चखा।

मेरी सहेली ने मुझे चुदवाया

मेरी सहेली ने मुझे चुदवाया

हेलो दोस्तो, मेरा नाम निधि है। मैं हिसार हरियाणा की रहने वाली हूँ। मेरी शादी को एक साल हो गया है। मैंने मेरे पति को कई बार अंतर्वासना पर कहानी पढ़ते हुए देखा है। शादी से पहले मैं इंटरनेट का बहुत कम प्रयोग करती थी। यहाँ आकर इंटरनेट का प्रयोग भी बढ़ गया। अब मैं अपने पति के साथ बैठ कर अश्लील साइटें देख लेती हूँ। वैसे मैं किशोरावस्था से ही बहुत कामुक रही हूँ। अंतर्वासना पर कुछ कहानियाँ पढ़ी तो मेरा मन भी करने लगा कि मैं आप लोगों को कुछ आप बीती सुना ही दूँ।

यह घटना मेरे जीवन की बहुत ही यादगार घटना है, जब मुझे पहली बार काम-पिपासा शांत करवाने का मौका मिला। बात लगभग 5 साल पहले की है जब मैं बी ए सेकेंड ईयर में थी। मेरी एक बेस्ट फ़्रेंड थी अलीशा, बचपन से साथ ही पढ़ते आ रहे थे हम लोग। हम दोनों हर बात एक दूसरे से शेयर करते थे। अलीशा क्लास के ही एक लड़के सुमित से प्यार करती थी। मुझे उन दोनों के बारे में इससे ज़्यादा कुछ नही पता था कि वो किस हद तक प्यार करते हैं। मुझे अलीशा ने भी सिर्फ़ इतना बताया हुआ था कि वो सुमित के साथ कई बार डेट पर जाती है और कुछ चूमा-चाटी तक ही बात बढ़ी है। लेकिन उस दिन मैं तो हैरान रह गई जब अलीशा ने मुझसे गर्ल्स टॉयलेट के पीछे ले जाकर कहा- निधि, आज अगर तुम्हारे घर पर कोई सेटिंग हो सके तो हमें मिलना है।

उस दिन भी मेरे मम्मी-पापा गाँव गये हुए थे और भाई जयपुर, तो मैंने कहा- नो प्रॉब्लम यार, तुम्हारा ही घर है, बुला लो।

अलीशा बोली- सुमित कई दिन से ज़िद किए हुए है कि मेरी किसी फ़्रेंड के घर पर मिला जाए, तो मैंने तुमसे पूछा है।

मैंने कहा- कोई दिक्कत नहीं अलीशा, बुला लो सुमित को।

मैंने उन्हें दोपहर दो बजे का टाइम देकर अपने घर बुला लिया। अलीशा मेरे घर एक बजे ही आ गई। चाय-वाय पीकर अलीशा बोली- निधि, वीट है क्या?

मैंने कहा- हाँ, पर क्यूँ?

बोली- काफ़ी दिन से टाइम नही मिला, थोड़ी सफाई करनी है नीचे की।

मैंने कहा- आज ही क्यूँ भई? कोई ख़ास बात है क्या, या सुमित को दर्शन करवाएगी अपनी चिड़िया के?

अलीशा हंस कर बोली- यार तू टाइम खराब मत कर और जल्दी वीट दे और हेल्प कर सकती है तो कर दे।

मैंने चुपचाप अलमारी से हेयर रिमूवर निकाल कर उसे दे दिया। वो मुझे भी बाथरूम में पकड़ कर ले गई। हम दोनों अक्सर एक दूसरे की सफाई किया करते थे। बाथरूम में जाकर हम दोनों ने कपड़े उतार दिए और अलीशा की सफाई मैं करने लगी, उसके बाद अलीशा बोली- तू भी कर ले निधि, देख तो सही कितनी काली लग रही है तेरी चिड़िया।

मैंने भी अलीशा से सफाई करवा ली। तब तक मेरे दिमाग़ में वही बात चल रही थी कि अलीशा ने आज सफाई क्यूँ करवाई है? मैंने उस से फिर से पूछा तो बोली- आज तेरे घर मेरी सुहागरात है निधि।

मैं सब समझ गई, पर अब मुझे डर सा लगने लगा कि सुमित मेरे बारे में क्या सोचेगा? तभी घंटी बजी, मैंने दरवाजा खोला, सुमित ही था। उसके अंदर आने के बाद लगभग 15 मिनट चाय-पानी और कुछ आम बातों में निकल गए।

फिर सुमित बोला- निधि, क्या हम दोनों अंदर चले जायें? तुम बाहर थोड़ा ध्यान रख लेना।

मैं शर्म से पानी पानी हो रही थी कि पहली बार कोई लड़का मुझसे सरेआम पूछ रहा है कि मैं अपनी गर्ल-फ़्रेंड के साथ सेक्स कर लूँ क्या?

मैंने बिना कुछ सोचे उसे कहा- जाओ कर लो।

इतना सुनते ही सुमित और अलीशा दोनों मेरे बेडरूम में चले गये। मैं वहीं सोफे पर बैठ गई, पर मुझे चैन कहाँ था, मेरे दिमाग़ वहीं था कि आज तो दोनों खूब मस्ती करेंगे। मैंने सोचा कि सुनकर तो देखें अंदर क्या चल रहा है।

मैंने दरवाजे पर कान लगाया तो मैं हैरान हो गई, सुमित अलीशा से कह रहा था- अलीशा, निधि को पहले बुलाओ आज।

अलीशा बोली- निधि थोड़ी शर्मीली है यार, एक बार मुझे कर दो, फिर बुला लूँगी।

यह सुनकर मेरे पैरों के नीचे ज़मीन खिसक गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

सुमित बोला- "अलीशा, देखो आखरी बार कह रहा हूँ, निधि की दिलवा दो पहले, वरना मैं तुम्हे छोड़ के कहीं दूर चला जाऊँगा, फिर बैठी रहना उंगली डाल कर !

यह सब सुन कर मुझे हैरानी भी हो रही थी, डर भी लग रहा था और अच्छा भी लग रहा था। मैं इसी सोच में थी कि दरवाजा खुला और अलीशा मुझे पकड़ के अंदर ले गई। अंदर जाते ही अलीशा बोली- देख निधि, सुमित मुझे कब से तंग कर रहा है, कहता है कि निधि के सामने करेंगे आज तो !

मैं शरमा रही थी, पर मेरी चिड़िया गीली हो गई थी। पूरे शरीर में करंट सा लग रहा था। मैं कुछ नहीं बोली तो अलीशा बोली- कोई दिक्कत हो तो बाहर चली जाओ निधि, यहाँ रह कर शरमाओ मत।

मैंने थोड़ा सा हौंसला करके कहा- कर लो, यहीं हूँ मैं।

तभी मैंने देखा कि सुमित उठा और उसके कदम अलीशा की तरफ बढ़ने लगे। मेरे मन में अजीब सा हो रहा था, अलीशा बोली- निधि थोड़ी हेल्प करो ना, इधर आ जाओ।

मैं शरमाते हुए अलीशा के पास गई तो अलीशा ने मुझे बाहों में ले लिया और मुझे चूमने लगी। यह हम दोनों का वैसे तो पुराना काम था, पर एक लड़के के सामने? मैं शरमा भी रही थी, पर मज़ा भी आ रहा था, चिड़िया गीली होकर मस्त हो रही थी मेरी। थोड़ी देर में ही हम दोनों सुमित के सामने सिर्फ़ ब्रा और चड्डी में थी। मेरी शर्म भी थोड़ी कम हो गई थी।सुमित ने अपना औजार निकाल रखा था, लगभग 6 इंच लंबा, और हाथ से हिलाते हुए हम दोनों के पास आ गया। अलीशा सुमित का लंड हाथ में लेकर चूसने लगी और मेरी चिड़िया को चड्डी के ऊपर से ही रगड़ने लगी, मज़े मज़े में मैंने भी उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी चड्डी के अंदर ले लिया, अब अलीशा सुमित का लंड चूस रही थी और मेरी चूत में उंगली मार रही थी। थोड़ी देर ऐसा करने के बाद, सुमित ने मेरी चड्डी उतार दी और मेरी जाँघों के बीच बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा।

मैं वासना के नशे में इतनी खो गई थी कि मुझे पहले वाली शरम याद ही नहीं रही, एक लड़के की जीभ का चूत के अंदर जाना बड़ा ही सेक्स लेकर आ रहा था मेरे तन-मन में।

तभी अलीशा ने मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दी और मैं उसे भी वही मज़ा देने लगी जो सुमित मेरे नीचे से मुझे दे रहा था। थोड़ी देर में ही सुमित ने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रख दिया, मैंने हल्का सा विरोध जताया तो अलीशा ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और सुमित का लंड पकड़ कर मेरी चूत पर रगड़ने लगी।

तभी सुमित ने हल्का सा लंड मेरे अंदर डाल दिया और पूछने लगा- पहले कभी चुदी हो क्या?

अलीशा ने फ़ौरन जवाब दिया- सुमित, ध्यान से कच्चा माल है, पहली बार चुद रही है मेरी निधि, धीरे चोदना।

सुमित ने फिर धीरे-2 अपना लंड मेरी चूत में उतारना शुरू किया, लगभग आधा अंदर जाते ही यूँ लगा जैसे कोई गोली लगी हो चूत में। मैं समझ गई थी कि मेरी सील तोड़ दी है सुमित ने !

फिर कुछ देर रुक कर सुमित ने पूरा लंड मेरे अंदर धकेल दिया और मुझे पेलने लगा। क्या बताऊँ दोस्तो, लगभग 7-8 मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत बिल्कुल खलास हो गई है।

फिर कुछ देर बाद सुमित बोला- मैं कहाँ निकालूँ पानी?

अलीशा बोली- हम दोनों पिएँगे आज।

फिर सुमित ने ढेर सारा वीर्य हम दोनों के मुँह में निकाल दिया और फिर मैं भाग कर बाथरूम में चली गई। मुझे अलीशा ने ही बताया था कि सेक्स के बाद पेशाब कर लो तो प्रेगनेंट होने का डर नही रहता।

पेशाब करने के बाद शीशे में देखा तो मेरी चूत बहुत ही खुली हो गई थी, यूँ लग रहा था की अभी भी सुमित का मोटा सा लंड मेरी चूत में फँसा है। उसके बाद जैसे ही मैं कमरे में गई तो मैंने जो देखा वो सब फ़िर कभी !
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टीचरजी सेक्स कहानिया

टीचरजी सेक्स कहानिया

अविवाहिता खूबसूरत

अविवाहिता खूबसूरत 

मेरा नाम डिम्पल है उम्र 22 साल, अविवाहिता, खूबसूरत भी हूँ फिगर 34/30/34 है। मेरी कहानी सच्ची है मैं यह कहानी इसलिए लिख रही हूँ कि मेरा मन हल्का हो जाए क्यूंकि मैं जो आपको बताने जा रही हूँ वो मैंने आज तक किसी को नहीं बताया और मैंने सुना है कि मन में रखी कोई बात अगर आप किसी को बोल दो तो मन हल्का हो जाता है।

अभी मैं केन्या के नैरोबी शहर में अपने भाई के साथ रहती हूँ लेकिन मेरी कहानी आज से एक साल पहले भारत से है। मेरे परिवार में सिर्फ मैं और मेरी मम्मी दोनों भारत में रहते थे और एक बड़ा भाई जो कई सालों से केन्या में सेटल है।

कॉलेज छुट जाने के बाद मैं घर में अकेली बोर हो जाती थी तो भाई की अनुमति लेकर हुंडई कार के शो-रूम में जॉब ले लिया। मेरा काम था नए ग्राहक को कार बेचना। वैसे हमारा घर का खर्च भाई के भेजे पैसों से ही चलता था, लेकिन भाभी का स्वभाव थोड़ा ठीक नहीं है इसलिए बहुत कम पैसे आते थे तो मैं अपनी लाइफ स्टाइल को पूरी तरह से एंजॉय नहीं कर पाती थी। मुझे होटल में खाना–पीना घूमना, थियेटर में मूवी देखना बहुत पसंद है।

एक दिन शाम के वक़्त मैं स्किन टाइट जीन्स और सफ़ेद शर्ट पहन कर अपने केबिन में बैठी थी। तभी शोरूम में एक बिजनेसमैन आया। उनकी उम्र कुछ 40-42 की होगी, सूट पहना हुआ था, काफी अमीर दिखते थे। मैंने उनका स्वागत किया और कार के बारे में बताना शुरू किया।

जब मैं उनको कार के बारे में बता रही थी तब मैंने नोटिस किया कि उनका ज़्यादातर ध्यान कार से ज्यादा मेरे पर था। उनको टैस्ट-ड्राइव लेना था तो मैं उनको शोरूम से बाहर लेकर आई और उस लड़के को खोजने लगी जो कार के साथ ताइस्ट ड्राइव के लिए जाता था। लेकिन उस दिन वो जल्दी घर चला गया था तो मुझे मजबूरन उनके साथ जाना पड़ा।

मैं बगल वाली सीट पर बैठ गई और उन्होंने कार स्टार्ट कर दी। मैंने उनको सीट बेल्ट के लिए बोला, मैं भी अपनी सीट बेल्ट बांधने लगी लेकिन बंध नहीं रहा था तो उन्होंने अपनी सीट पर बैठे बैठे थोड़ा झुककर मेरी हेल्प की तो अनजाने में उनके हाथ मेरी बड़ी बड़ी चूचियों से छू रहे थे, मेरे पूरे शरीर में एक अलग सा रोमांच होने लगा था।

मैंने कुछ भी नहीं कहा फिर भी उनको इस बात का अहसास हो गया, उन्होंने मुझे सॉरी बोला।

मैंने कहा- नो प्रोब्लम सर !

फिर उनकी हिम्मत और बढ़ गई तो मेरे बारे में पूछने लगे- कब से जॉब कर रही हो, कहाँ तक पढ़ी हो, कितना सेलरी मिलता है?

फिर उन्होंने कहा- अगर तुम्हें ज्यादा सेलरी चाहिए तो मेरा ऑफिस जॉइन कर सकती हो !

मैंने थेंक्स बोला, अब वो मुझे पटाने के चक्कर में थे, मैं भी यही चाहती थी तो उनको सपोर्ट करने लगी थी। उन्होंने कार लेने के लिए फाइनल किया तो मैंने उन्हें दस हजार का और फायदा करवा दिया। उन्होंने लाल रंग पसंद किया था तो मैंने कहा- आपकी कार की डिलिवरी में चार–पाँच हफ्ते लगेंगे।

उन्होंने ओके कहा और मेरा सेल नंबर मांगा। मैं अपना पर्सनल नंबर किसी को नहीं देती लेकिन न जाने क्यों उनको दे दिया।

दो चार दिन के बाद वो फिर से आ गए, मैं ऑफिस से छूटकर बाहर निकल रही थी, उन्होंने मुझे देख लिया। मैं बस स्टॉप पर जा रही थी तो मेरे पास आकर पूछने लगे- आपका मोबाइल क्यूँ नहीं लग रहा है?

मैंने कहा- पानी में गिरने की वजह से बंद हो गया है, एक दो दिन में नया ले लूँगी।

उन्होंने मुझे पूछा- अगर आप बुरा न मानो तो मैं आपको ड्रॉप करना चाहूँगा।

मैंने कहा- मैं बुरा नहीं माँनूगी लेकिन मैं बस में चली जाऊँगी।

उन्होंने कहा- आप बुरा मान गई !

मैं हंसने लगी और उनकी कार में बैठ गई। उन्होंने कार स्टार्ट कर दी और मुझे पूछने लगे- आपने मुझे दस हजार का फायदा करवाया है, क्या मैं आप के लिए गिफ्ट ले सकता हूँ?

मैंने कहा- नहीं, मैं आपका गिफ्ट नहीं ले सकती !

थोड़ी देर बात करते करते मेरा एरिया आ गया तो मैंने कहा- आप मुझे यहाँ छोड़ दीजिये, मैं यहाँ से पैदल चली जाऊँगी।

उन्होंने कहा- आप बुरा मान गई !

मैंने स्माइल किया और बोला- बिल्कुल नहीं ! मैं इसलिए यहाँ से पैदल जा रही हूँ क्योंकि अगर मुझे आपकी कार में कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा।

उन्होंने कहा- तो एक आइसक्रीम तो साथ में खा सकते हैं?

मैंने कहा- ठीक है !

हम दोनों ने आइसक्रीम खाई और चल दिए।

दूसरे दिन वो बस स्टॉप पर कार लेकर मेरा इंतजार कर रहे थे, जब मैं वहाँ पहुँची तो मेरे पास आए और बोलने लगे- मेरा ऑफिस से छूटने का टाइम और आपका एक ही है तो सोचा आपको भी साथ में ले चलूँ। मुझे एक खूबसूरत लड़की की कम्पनी मिल जायेगी !

मैंने मन में सोचा कि बस की भीड़ में जाने से अच्छा है एसी वाली कार में चला जाए और वैसे भी मेरे से दोगुनी उम्र के हैं, कोई देख लेगा तो भी क्या बात करेगा। यह सोचकर मैं मना करते करते बैठ गई। थोड़ी देर के बाद उन्होंने एक गिफ्ट पैकिंग किया हुआ एक बॉक्स मेरे हाथ में दे दिया और कहा- मेडम आपका गिफ्ट !

मैंने मना किया लेकिन उन्होंने अपनी कसम दे दी। मैंने गिफ्ट खोला तो नोकिया का बहुत मंहगा मोबाइल था। मैं मना करने लगी लेकिन वो नहीं माने !

मैंने उन्हें थैन्क्स बोला तब उन्होंने कहा- सिर्फ थेंक्स? और कुछ नहीं?

मैंने कहा- और क्या चाहिए?

तो वो बोले- जो चाहिए वो मिलेगा?

मैं उनका मतलब समझ गई, मैं भी उनके साथ सोने के सपने देख रही थी लेकिन थोड़े नखरे करने पड़ते हैं, इसलिए मैंने कहा- मैं कोई ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ।

तो उन्होंने कहा- मैं भी एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन हूँ, परिवार वाला हूँ, तुम्हें कोई नुकसान नहीं करूँगा, मैं तुम्हारे साथ सिर्फ़ लाइफ एंजॉय करना चाहता हूँ, हम कभी यौनसंबंध नहीं करेंगे।

मैंने मन में बोला कि मैं तो सिर्फ वही चाहती हूँ, उतने में मेरा घर आ गया तो मैं बाय बोलकर चली गई। घर जाकर मैं मोबाइल में अपना सिमकार्ड डालकर चेक कर रही थी तो मैंने देखा कि मेमरी कार्ड पहले से ही भरा पड़ा हुआ है और उसमें सिर्फ सेक्स वाले वीडियो और फोटो थे।

मैंने सारे वीडियो देख लिए। अब मैं समझ गई कि वो भी मुझसे सेक्स चाहते हैं लेकिन बोलने से डरते हैं।

फिर वो रोज मुझे अलग अलग बहाने बनाकर फोन करते थे लेकिन बोल नहीं पाते थे। रोज रोज बातें करने से मैं उनके काफी नजदीक आ चुकी थी। थोड़े दिन के बाद आज उनकी कार की डिलिवरी थी, वो मेरे लिए खास स्वीट का बॉक्स लेकर आए थे। जब छूटने का टाइम हुआ तो मैंने सोचा- आज नई कार ली है तो शायद मुझे लेने नहीं आएँगे लेकिन मैं गलत थी, आज भी वो बस स्टॉप पर नई कार के साथ मेरा इंतजार कर रहे थे।

मैंने दूर से ही देख लिया और उनको उकसाने का प्लान बना लिया। मैंने जानबूझकर मेरे शर्ट का एक बटन खोल दिया ताकि उनको मेरी चूचियाँ दिखें। मैंने कार के पास आकर उनको हाय कहा, उन्होंने दरवाजा खोला और मैं बैठ गई। मैंने उनको नई कार के लिए बधाई दी, उन्होंने थैंक्स बोला और मेरे वक्ष पर देखने लगे, बार बार नजर घुमा कर वो मेरी चूचियों को देख रहे थे, मैं अनजान बनकर उनसे बातें कर रही थी।

उन्होंने एक होटल के सामने कार रोक दी और मुझे पूछा- क्या हम साथ में डिनर कर सकते हैं अगर तुम्हें देर न हो रही हो तो?

मैंने उन्हें हाँ बोल दिया क्यूँकि माँ रोज शाम को आसपास किसी के घर बैठने चली जाती थी और देर से आती थी।जब कार से उतरने के लिए दरवाजा खोलने वाली थी, तब उन्होंने मुझे रोक लिया और अपने हाथ से मेरे शर्ट का बटन बंद करने लगे और बोले- मेरी जान, ये पब्लिक के लिए नुमाइश की चीज नहीं हैं।

मैंने अनजान बनकर शर्म के मारे अपना मुँह छुपा लिया और सौरी बोला। अब उनकी हिम्मत और बढ़ गई, उन्होंने हल्के हाथों से मेरे एक उरोज को दबा दिया। अब मैं पागल हो चुकी थी उनसे चुदवाने के लिए !

हमने होटल में खाना खाया और वापिस कार में आ गये। मैंने उनको पूछा- बटन बंद करने के बाद आपने मेरी छाती पर हाथ क्यूँ घुमाया था?

उन्होंने मुझसे पूछा- अच्छा नहीं लगा?

मैंने कहा- अच्छा लगा, लेकिन यह गलत है।

उन्होंने कहा- अच्छा लगा हो तो कल मेरे साथ मेरा फार्म हाउस देखने चलोगी?

मैं समझ गई कि अब वो पूरा प्रोग्राम करना चाहते हैं। मैंने भी हाँ कर दी।

उन्होंने कहा- कल सुबह जॉब पर मत जाना, मैं तुम्हें दस बजे लेने आऊँगा...

दूसरे दिन मैं काली ब्रा, लाल पेन्टी, जीन्स और एक स्किन टाइट टीशर्ट पहनकर और अच्छी तरह से लिपस्टिक पाउडर परफ्यूम लगा कर उनके फोन का इंतजार करने लगी।

थोड़ी देर में उनकी कार आ गई, मैं अंदर बैठ गई तो मुझे देखकर उन्होंने कहा- आज तो तुम पटाका लग रही हो और स्किन टाइट टी शर्ट में तुम्हारी चूचियाँ और भी बड़ी दिख रही हैं।

मैंने थेंक्स बोला...

लगभग 20 किलोमीटर कार चलने के बाद उनका फ़ार्महाउस आ गया। काफी बड़ा फ़ार्महाउस था।

जब हम अंदर आ गये तो उन्होंने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और सीधा आकर मुझे चिपक गये और मेरे कंधों पर, गले पर चुम्बन करने लगे।

मैंने कहा- सर, आप क्या कर रहे हो?

उन्होंने कहा- डिम्पल तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो, आज मना मत करना !

उन्होंने मेरे लिए एक सोने का चेन निकाली और मुझे पहनाने लगे। अब मैं उनके अहसान के तले डूब चुकी थी, मैंने भी अपने दोनों हाथ उनके गले से लिपटा लिए और उनके होंठों पर अपने गुलाबी होंठ रख दिए। वहाँ खड़े खड़े पाँच मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रहे। बाद में उन्होंने मुझे बाहों में उठा लिया, बेडरूम में ले गये और धम्म से बेड पे पटक दिया और मेरे ऊपर लेट गये।

ज्यादा उम्र होने की वजह से वो बुरी तरह हांफने लगे।

मैंने पूछा- क्या हुआ सर, आप ठीक तो हो ना?

उन्होंने बताया- अब वो जवानी वाला दम नहीं रहा डीयर !

मैंने कहा- कोई बात नहीं सर, आज मैं आपको जन्नत की सैर कराऊँगी।

मैंने फ्रिज से ठंडा पानी निकाल कर दिया और पूछा- अब कैसा लग रहा है?

उन्होंने बोला- अगर पानी की जगह तुम्हारा दूध पिलाती तो जवानी वापिस आ जाती !

मैंने कहा- आ जाओ मेरे मुन्ना !

मैं बिस्तर पर अपने दोनों पैर लम्बे करके बैठ गई और अपनी टीशर्ट निकाल दी। अब मैं उनके सामने सिर्फ ब्रा और जीन्स पहन कर बैठी थी, वो मेरी बड़ी बड़ी आधी खुली चूचियों को देख कर ब्रा के ऊपर से ही दोनों हाथों से दबाने लगे और अपने हाथों से ब्रा के हुक खोल दिए।

अब मेरी चूचियाँ उनके सामने बिल्कुल आज़ाद थी, वो दोनों हाथों से दबाते हुए बोले- आज तक ऐसी गोरी गोरी बड़ी और टाइट चूचियाँ मैंने कभी नहीं देखी।

मैंने कहा- ये तेरे लिए हैं मेरे मुन्ना, आ जा और और उसका दूध पी ले !

उन्होंने छोटे बच्चे की तरह मेरी गोदी में अपना सिर रख दिया, मैंने अपने एक स्तन उनके मुँह में दिया, वो एक को दबा रहे थे, दूसरे से दुग्धपान कर रहे थे।

मैं अपने एक हाथ उनके कम बाल वाले सिर पर और दूसरा हाथ उनकी पीठ पर सहला रही थी और गाल पर चुम्बन कर रही थी। फुल एसी होते हुए भी उनको पसीना आ रहा था, वो पूरे मोम्मे को अपने मुँह में लेने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बड़ा होने की वजह से जा नहीं रहा था तो ज़ोर ज़ोर से चूसने लगे।

मेरे मुँह से आहें निकल रही थी- आह ! आह !

कभी कभी मैं झुककर उनके गालों को चूम लेती, मेरे से थोड़ी कम उम्र वाली उनकी एक बेटी और एक छोटा बेटा था लेकिन आज मैं उनको अपना बच्चा बनाकर मेरा स्तनपान करवा रही थी।

मैंने धीरे धीरे उनके शर्ट के सारे बटन खोल दिये और उनका लोड़े को पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगी। धीरे धीरे पैन्ट का बटन खोल दिया। वो खड़े हो गए और अपनी पैन्ट, शर्ट निकाल दिया और मेरी जीन्स खोलने लगे। मेरी पेन्टी को देखकर और उत्तेजित हो गए। उनके कच्छे में खड़ा लोड़ा मुझे दिख रहा था।

वे मेरी गोरी गोरी जांघों को सहलाने लगे और चूमने लगे। अब हम दोनों सिर्फ एक एक वस्त्र पहने हुए थे। मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और उनके छाती से मेरे दोनों मोम्मे चिपका कर उनके होठों पर किस करने लगी, उनके दोनों गालों पे, कानों पे उनकी छाती पे जहाँ छोटे छोटे सफ़ेद बाल थे, वहाँ जीभ घुमाने लगी।

चूमते चूमते उनके खड़े हुए लोड़े तक पहुँच गई और अन्डरवीयर निकाल दिया। अब उनका लोड़ा मेरे सामने था, मैंने लोड़े पे हल्का सा किस किया और जीभ से चाटने लगी !

जब मैं चाट रही थी तब वो देखने के लिए वो कमर से सीधे हो गए और अपना पीठ तकिये से चिपका कर मुझे लण्ड साथ खेलते हुए देखने लगे। मैं उनका लोड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी। उनको बहुत मजा आ रहा था, उन्होंने सिगार जलाया और कस खींचने लगे। मैं पूरा लण्ड मुख में लेकर चूसने लगी।

उसके बाद उन्होंने मुझे ऊपर अपनी ओर खींचा और सिगार का धुआँ मेरे मुँह पर फ़ूँका और मुझे कश मारने को कहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैंने एक कश मारा और उनके मुँह पर धुआँ फेंका। सिगार खत्म होते ही मुझे नीचे लिटाकर मेरी लाल पेन्टी को निकाल दिया और मुझे पूरी नंगी कर दिया। अब वो मेरी चूत को अपने हाथों से सहेला रहे थे, उसमें उंगली डालकर मुझे और उत्तेजित कर रहे थे और अपनी जीभ से चाट रहे थे।

मेरे मुँह से आह ! आह ! की आवाज़ें निकल रही थी !मेरी चूत का सारा पानी वो पी गए और अपना खड़ा हुआ लण्ड उसपर रख दिया धीरे धीरे पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया।

मैं बोलती रही- सर प्लीज, धीरे धीरे करो !

लेकिन वो थोड़े न सुनने वाले थे, आज एक जवान चूत जो उनको मिल गई थी। वो ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहे थे और मैं 'सर प्लीज ! मैं मर गई ! सर प्लीज ! धीरे धीरे करो !' ऐसा उनको रिक्वेस्ट कर रही थी।

वो झटके पर झटके मार रहे थे लेकिन थोड़ी देर वो में थक गये और सांस फूल जाने की वजह से वो हांफने लगे तो मैंने उनको अब नीचे लिटा दिया और मैं उनके ऊपर आ गई, वो मेरे मोम्मे दबाने लगे।

मैंने उनका लोड़ा फिर से चूत में डाल दिया, अब मैं चूतड़ उठा उठा कर झटके मारने लगी लेकिन थोड़ी देर में वो मुझे 'प्लीज डिम्पल धीरे धीरे करो ! ऐसा रिक्वेस्ट करने लगे।

उनको लोड़े पर दर्द हो रहा था लेकिन मैंने सुना अनसुना किया और झटके मारती गई। मुझे आज पूरी तरह से अपनी चूत संतुष्ट करना था तो मैंने उनकी दया नहीं की, चुदने का पूरा मजा लूटने लगी।लेकिन थोड़ी देर में उन्होंने कहा- मैं पानी छोड़ने वाला हूँ ! प्लीज निकाल दो !

तो मैंने अपनी चूत से उनका लण्ड बाहर निकाल दिया। उन्होंने खड़े होकर मेरे दोनों मोम्मों पर अपना वीर्य छोड़ दिया और मुझे कहा- इसका टेस्ट करो !

मैंने उनका मान रखने के लिए एक बूंद उंगली पर लेकर अपनी जीभ पर रखा और पी गई।

फिर हम दोनों ने साथ में शावर लिया, मैंने उनको साबुन लगाया, उन्होंने मुझे साबुन लगाया और बाथरूम में उन्होंने फिर एक बार खड़े खड़े मुझे चोद लिया। जब ऊपर शावर का पानी गिरता हो और उसके नीचे खड़े खड़े चुदने का बहुत मजा आता है।

फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और घर जाने के लिए तैयार हो गये।